
पूज्य बापूजी का मानना है कि राष्ट्र की प्रगति और रक्षा का आधार उसका युवावर्ग होता है। यदि किसी देश का युवा बलशाली, उद्यमी, चरित्रवान और सुसंस्कारित हो तो वह राष्ट्र निश्चित ही उन्नति की चरम सीमा को प्राप्त करता है। इसी उद्देश्य से पूज्यश्री के मार्गदर्शन में ‘युवाधन सुरक्षा अभियान’ चलाया जा रहा है।
इस अभियान के तहत ‘युवा सेवा संघ’ और ‘महिला उत्थान मंडल’ की स्थापना की गई है। ये संगठन भारत के कोने-कोने में ‘संस्कार सभाओं’ और ‘देशभक्ति व संस्कृति रक्षा यात्राओं’ का आयोजन कर युवाओं को सत्पथ पर ला रहे हैं।
युवक-युवतियाँ इन सभाओं के माध्यम से जीवन में संयम, राष्ट्रप्रेम और आध्यात्मिकता को अपनाकर समाज और देश के विकास में अपना योगदान दे रहे हैं। बापूजी का यह अभियान युवाओं के भीतर छुपे अपार सामर्थ्य और आत्मबल को जाग्रत कर उन्हें सशक्त और आत्मनिर्भर बना रहा है।
पूज्यश्री का विशाल शिष्य-समुदाय उनकी तरह ही भारत की एकता, अखंडता और शांति का समर्थक बनकर राष्ट्रसेवा में संलग्न है। देश-विदेश के सैकड़ों आश्रम और 1400 से भी अधिक श्री योग वेदांत सेवा समितियाँ लोककल्याण के सेवाकार्यों में निरंतर जुटी हुई हैं।
विद्यार्थियों के बीच योगासन, बुद्धि विकास प्रयोग, व्यसनमुक्ति अभियान, गुणवत्तायुक्त स्टेशनरी वितरण जैसी सेवाएँ भी आश्रमों के माध्यम से निरंतर चल रही हैं।