

पश्चिमी परंपराओं से देश के युवाओं को दूर रखने और संस्कृति रक्षा हेतु पूज्य बापूजी ने २५ दिसंबर को ‘तुलसी पूजन दिवस’ और २५-३१ दिसंबर तक ‘विश्वगुरु भारत सप्ताह’ मनाने की प्रेरणा दी।
तुलसी पूजन दिवस पर घर-घर में तुलसी के पौधे की विशेष पूजा की जाती है। परिवारजन दीप, फूल, मिठाई और भजन के साथ तुलसी माता की आरती करते हैं। विद्यार्थियों के विद्यालयों में भी यह कार्यक्रम बड़े उल्लास से मनाया जाता है।
२५ से ३१ दिसंबर के मध्य देशभर में संस्कार सभाएँ, व्यसनमुक्ति अभियान, गौ-सेवा, भजन, प्रभात फेरियाँ, सामूहिक संकीर्तन और संस्कृति जागरण के आयोजन होते हैं।
यह सप्ताह राष्ट्र के पुनरुत्थान का संदेश देता है और युवाओं में आत्मविश्वास, गौरव और संयम का भाव जगाता है।